UP Primary Big News: यूपी के सभी विद्यालयों की 30 जून के बाद बदल जाएगी पूरी तस्वीर, योगी सरकार का नया फरमान
UP Primary Big News: उत्तर प्रदेश सरकारने प्राइमरी स्कूल के लिए जो एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है वह हे कि जितने भी कम छात्र वाले प्राइमरी विद्यालय हैं इनको मर्ज किए जाने का और इस संबंध में सभी जिला के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भी भेज दिया गया है और 30 जून तक इस संबंध में निर्णय लिए जाने का आदेश भी दिया गया है। पत्र के आधार पर 20 से कम छात्र संख्या वाले स्कूल इस आदेश की अब पूरी तरीके से जद मे है यानी कि जिस भी प्राइमरी विद्यालय में 20 से कम छात्र संख्या है उन स्कूलों को अब मर्ज किया जाने वाला है।
सचिव ने सभी जिलों को जारी किया मर्ज हेतु पत्र ( UP Primary Merger Latest News )
सचिव बेसिक शिक्षा परिषद सुरेंद्र कुमार तिवारी के माध्यम से सभी जिलों को इस संबंध में पत्र भी जारी कर दिया गया और निर्देश भी जारी कर दिया की पढ़ाई के गुना तक बेहतर बनाए रखना वह छात्राओं की बेहतरीन हेतु यह महत्वपूर्ण है। बताया जा रहा है पत्र में कहा गया है कि परिषद का जो मुख्य उद्देश्य है संसाधनों को और अधिक उपयोग और ड्रॉप आउट रेट में कमी वह गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा को यहां पर पूरी तरीके से सूचित किया जाना है कम नामांकन वाले विद्यालयों की में शिक्षा की गुणवत्ता संसाधनों की समस्या निपटने हेतु यह पूरी तरीके से जरूरी हो चुका है।
मर्ज करने हेतु डाटा व मैपिंग का दिशा निर्देश जारी
स्कूल मर्ज योजना के तहत बात किया जाए तो जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को जितने भी कम छात्र संख्या वाले विद्यालय हैं इनको चिन्हीकरण व डाटाबेस तैयार किए जाने का निर्देश भी दे दिया गया है। इसके बाद इन स्कूलों का नजदीकी वेतन सुविधा व स्थापना वाले विद्यालयों के साथ मेपिंग भी किया जाने वाला है। खंड शिक्षा अधिकारियों को स्थलीय भ्रमण करते हुए अवस्थापना पहुंच नामांकन समावेशित व स्थानीय परिस्थितियों का आकलन करते हुए युग्मन प्रस्ताव जिला अधिकारियों को सौपने को कहा गया है। साथ ही इस प्रक्रिया में अभिभावकों शिक्षकों का शिक्षक संघ व स्थानीय समुदाय से समाज भी स्थापित करते हुए उनकी सहमति और सुझाव भी लिया जाएगा। ताकि मर्जिंग का जो आधिकारिक लाभ है वह आसानी से स्पष्ट हो पाए।
स्कूलों के विलय के लिए यह गाइडलाइन तय किया गया
परिषद के द्वारा समस्त विलाप जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों व जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी व संबंधित के साथ समन्वय करने के लिए मार्गदर्शन लिए जाने का आदेश भी दिया है। मर्जिंग के बाद स्कूल संचालन हेतु एकीकृत समय सारणी भी बनाया जाएगा और शिक्षकों के दायित्वों का स्पष्ट निर्धारण भी किया जाएगा। संसाधनों का अभिलेखीकरण व सुरक्षित रख रखाव व समुचित उपयोग भी यहां पर सुनिश्चित करना होगा। इसके अलावा स्टूडेंट के अभिभावक का अगर कोई शिकायत रहता है तो उसके निवारण के लिए प्रत्येक जिलेमे एक फीडबैक एवं शिकायत निवारण समिति गठित किए जाने का प्रावधान भी हे, जिसके वजह से संबंधित समस्याओं को जल्दी ही समाधान करनेमें आसानी होगी। हालांकि कुछ लोग कहते कहते हैं कि अगर विद्यालय बहुत दूर हे, तो अभिभावक अपने बच्चों की सुरक्षा की बात को सोचते हुए उन्हें स्कूलमें भेजने के समय थोड़ा बहुत हिचकी चाहेंगे या फिर नहीं भेजेंगे।
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