NEET UG 2025: रिजल्ट आ गया, अब जान लो मेडिकल कॉलेज में सीट कैसे मिलेगी
NEET UG 2025: अब जब नीट यूजी 2025 का एग्जाम हो गया है न, तो हर बच्चा अब यही पूछ रहा है कि भाई अब एडमिशन कैसे होगा, सीट कैसे मिलेगी, कौन से डॉक्यूमेंट लगेंगे और काउंसलिंग कब से चालू होगा क्योंकि सिर्फ एग्जाम दे देना काफी नहीं होता, असली लड़ाई तो तो रिजल्ट के बाद शुरू होती है। अब देखो, नीट का जो रिजल्ट आता है न, उसके बेस पर ही इंडिया के सारे मेडिकल कॉलेजों में MBBS, BDS और दूसरे मेडिकल कोर्स में एडमिशन होता है। लेकिन ये एडमिशन जो है, वो ऐसे ही नहीं मिल जाता। इसके लिए काउंसलिंग होती है, रजिस्ट्रेशन करना होता है, फिर चॉइस भरना होता है और फिर सीट अलॉटमेंट का पूरा गेम चलता है। बहुत सारे बच्चे यहीं गलती कर देते हैं, टाइम पर काउंसलिंग नहीं करते या फिर चॉइस फिलिंग में गड़बड़ कर देते हैं, और फिर फिर अच्छे स्कोर के बावजूद भी सीट से हाथ धो बैठते हैं। तो इस बार ऐसा ना हो, इसलिए आपको पहले से ही सबकुछ जान लेना है — कब क्या करना है, कहां जाना है, कैसे अप्लाई करना है — ताकि जब रिजल्ट आए तो सीधा अगला स्टेप उठाओ बिना कोई कन्फ्यूजन के।
रिजल्ट के बाद क्या-क्या स्टेप होता है
जब नीट का रिजल्ट आ जाता है न, तो सबसे पहले आपको nta की वेबसाइट neet.nta.nic.in पर जाकर अपना रिजल्ट चेक करना होता है। रोल नंबर और जन्मतिथि डालते ही स्कोर कार्ड खुल जाएगा जिसमें आपका मार्क्स, परसेंटाइल, ऑल इंडिया रैंक, और आपकी कैटेगरी रैंक दी होगी। अब इसी रिजल्ट के बेस पर ही आगे का पूरा एडमिशन प्रोसेस शुरू होता है। इंडिया में एडमिशन दो कोटा के थ्रू होता है — एक ऑल इंडिया कोटा और दूसरा स्टेट कोटा। ऑल इंडिया कोटा में 15% सीटें होती हैं, ये सभी स्टूडेंट्स के लिए ओपन होती हैं, मतलब कोई भी बच्चा अप्लाई कर सकता है, चाहे वो किसी भी राज्य का हो। और इसमें AIIMS, JIPMER, BHU जैसे टॉप कॉलेज भी आते हैं। दूसरी तरफ जो 85% सीटें होती हैं वो स्टेट कोटा की होती हैं, उसमें उस राज्य के बच्चों को प्रेफरेंस दी जाती है जिनके पास उस राज्य का डोमिसाइल होता है। अब इस बार इंडिया में करीब 780 से ज्यादा मेडिकल कॉलेज हैं और MBBS की सीटें 1,18,000 से ऊपर हो चुकी हैं। BDS की सीटें करीब 28,000 हैं, और AIIMS में करीब 1200 सीटें हैं। तो अगर स्कोर अच्छा है तो कहीं न कहीं एडमिशन तो बनता है। बस सही वक्त पे रजिस्ट्रेशन करो और डॉक्यूमेंट रेडी रखो।
काउंसलिंग कैसे होती है और क्या जरूरी होता है
अब जब रिजल्ट मिल गया और आपने स्कोर देख लिया, उसके बाद आता है असली काम — काउंसलिंग। ये काउंसलिंग MCC (Medical Counseling Committee) करवाता है और इसकी वेबसाइट होती है mcc.nic.in। सबसे पहले वहां रजिस्ट्रेशन करना होता है और उसके बाद चॉइस फिलिंग होती है। अब देखो, चॉइस फिलिंग में बच्चे बहुत गड़बड़ कर देते हैं — टॉप कॉलेज ही भर देते हैं पर अपना स्कोर नहीं देखते कि वो कॉलेज मिलेगा भी या नहीं। तो जो भी कॉलेज भरना है, वो अपने स्कोर के हिसाब से भरना है। फिर MCC आपके स्कोर और प्रेफरेंस के हिसाब से सीट अलॉट करता है। अगर कॉलेज पसंद आता है तो आप डॉक्यूमेंट लेके वहां एडमिशन ले सकते हो, नहीं तो अगला राउंड भी दे सकते हो। टोटल चार स्टेज होते हैं — Round 1, Round 2, Mop-Up Round और Stray Vacancy Round। हर राउंड के बाद रिपोर्टिंग और वेरिफिकेशन होना है। डॉक्यूमेंट में चाहिए NEET का स्कोर कार्ड, एडमिट कार्ड, 10वीं-12वीं की मार्कशीट, आधार कार्ड, डोमिसाइल सर्टिफिकेट, कैटेगरी सर्टिफिकेट (अगर हो), पासपोर्ट फोटो, और माइग्रेशन सर्टिफिकेट। ये सब लेकर जाना होता है एडमिशन के टाइम पर। काउंसलिंग की डेट्स और अपडेट्स के लिए MCC की वेबसाइट रोज़ चेक कर करते रहना चाहिए, नहीं तो राउंड मिस हो सकता है।
Disclaimer:
यह जानकारी समाचार स्रोतों और आधिकारिक वेबसाइट पर आधारित है। काउंसलिंग और सीट अलॉटमेंट से जुड़ी अंतिम जानकारी के लिए mcc.nic.in और neet.nta.nic.in को अवश्य अवश्य चेक करें।
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